लखनऊ। आरक्षण को लेकर भाजपा और उसके नेता हमेशा से ही बचाव में रहे हैं, लेकिन उत्तरप्रदेश में प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में आने वाली भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से ही साहसिक फैसले लेने वाले योगी आदित्यनाथ ने अब निजी मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में आरक्षण कोटे को खत्म कर दिया है। इस फैसले के बाद अब यूपी के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग को आरक्षण कोटे से प्रवेश नहीं मिलेगा। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण कोटे में कोई फैसला नहीं लिया है। संविधान के मुताबिक सरकारी कॉलेजों में एसटी-एसटी और ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान है, हालांकि प्राइवेट और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में आरक्षण कोटा बाध्यकारी नहीं है। करीब एक दशक से पहले मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के कोर्स में भी एसटी, एसटी और ओबीसी कोटे का आरक्षण लागू कर दिया था। योगी सरकार ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण सिस्टम के फैसले को रद्द कर दिया। इस फैसले को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं, हालांकि सवर्ण समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है। उधर, योगी सरकार के इस फैसले को आरएसएस के आरक्षण विरोधी बयानों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। विरोधी दल आरोप लगा रहे हैं कि आरएसएस दलितों और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करना चाहता है। इसी के चलते प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण खत्म करने का फैसला लिया गया है।
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