चण्डीगढ़। दिल्ली की तर्ज पर ही आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों के चयन का फार्मूला अपनाने जा रही है। जनता, पार्टी और समाज से जुड़ाव वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर रही है। समाज, जाति और कार्यकर्ताओं की लगन को ध्यान में रखकर पार्टी ने पूरी चयन प्रक्रिया अपनाई है। जिस तरह से दिल्ली में पार्टी ने प्रत्याशी चयन में सतर्कता बरतते हुए अच्छे और जिताऊ प्रत्याशी उतारे, वैसा ही फार्मूला पंजाब में अपनाया जा रहा है। वैसे भी पंजाब में आप सबसे तेजी से उभरी पार्टी है। जनता भी पार्टी को पसंद कर रही है। आप ने कांग्रेस और अकाली-बीजेपी गठबंधन को सीधी टक्कर दे रखी है। इसलिए पंजाब को फतह करने के लिए पार्टी ने दिल्ली फार्मूला अपनाते हुए जिताऊ व सभी को जोडऩे वाले प्रत्याशी उतारने शुरु कर दिए हैं। इसी के तहत एक प्रत्याशी तो ऐसा है, जिसके पिता की पंक्चर की दुकान है। मतदाताओं के साथ भावनात्मक तार जोडऩे की कोशिश के तहत यह सब किया जा रहा है। नाभा सुरक्षित सीट से आप उम्मीदवार देव मान ने कनाडा में रेडियो जॉकी की नौकरी छोड़ माइक की जगह केजरीवाल की झाड़ू थामी है। उसके पिता पिछले चालीस साल से साइकिल पंचर की दुकान चला रहे हैं। देव कहते हैं कि पुरानी साइकिल की तरह पंजाब को भी दुरुस्त करना है। जैसे साइकिल पंचर हो जाती है वैसे ही पंजाब की सियासत भी पंचर हो गई है। सीएम केजरीवाल के साथ मिलकर हम पंजाब की सियासत को दुरुस्त कर देंगे। टिकट बंटवारें को लेकर आरोप झेलने वाली आम आदमी पार्टी की यह सोशल इंजीनियरिंग कार्यकर्ताओं में खूब पसंद भी की जा रही है। अब देखना है कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी यह सफल हो पाती है या नहीं।