jaipur. देशभर के छात्र-युवा संगठनों व छात्रसंघों ने युवा अधिकारों के लिए यंग इंडिया अधिकार मार्च का आयोजन किया। यंग इंडिया मार्च के तहत युवाओं शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण, रोज़गार के निरंतर घटते अवसरों, चयन परीक्षाओं में लगातार हो रही अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद की।
बेरोज़गारी दर चार दशकों में सबसे अधिक पर पहुँच चुकी है। विभिन्न रिपोर्टों से यह बात प्रमाणित हो चुकी है। पर सरकार है कि बेरोज़गारी से लड़ने के लिए कदम उठाना तो दूर, बेरोज़गारी की समस्या है- यह तक मनाने को तैयार नहीं है। मोदी सरकार आँकड़ों की बाज़ीगरी के माध्यम से जनता को भ्रमित करना चाह रही है। सरकार के वित्त मंत्री ने तो यहाँ तक कह दिया कि अगर बेरोजगारी है तो अराजकता क्यों नहीं है। यूथ फ़ॉर स्वराज ने सार्वजनिक पत्र लिखकर अरुण जेटली को यंग इंडिया अधिकार मार्च में आमंत्रित किया है। पत्र में उन्हें बताया कि पिछले 4 वर्षों में युवा-आंदोलनों के प्रति उनकी अनभिज्ञता आश्चर्यजनक है, इसी लिए एक बार मार्च में अपने प्रतिनिधि को भेजकर अपनी अनभिज्ञता दूर कर लें। यूथ फ़ॉर स्वराज ने उनसे यह भी आग्रह किया कि वो प्रधानमंत्री से कहकर युवाओं के लिए अतिआवश्यक प्रधानमंत्री चीट फण्ड योजना(PMCFY) लागू करवाएँ ताकि युवा अपने लिए सरकारी नौकरी खरीद सकें क्योंकि ईमानदार तरीके से, मेहनत करके नौकरी ले पाना तो संभव नहीं है।
युवाओं के ऐतिहासिक मार्च को अपना समर्थन देते हुए स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा “मोदी सरकार के कार्यकाल में हर वर्ग पहले से ज्यादा असुरक्षित हुआ है। और सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है। सरकार की पूरी कोशिश है कि 2019 के चुनाव में किसानों और नौजवानों का मुद्दा ही न उठाया जाए। पर देशवासियों ने ठान लिया है कि वो लोकसभा चुनाव किसान-नौजवान के मुद्दे पर चाहते हैं, हिन्दू-मुसलमान के मुद्दे पर नहीं। किसानों ने अपने संघर्ष से इस सरकार को झुकने पर मज़बूर किया है, अब नौजवानों की बारी है।
रोज़गार अवसरों व पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए चल रहे राष्ट्रव्यापी युवा आंदोलन युवा-हल्लाबोल का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने कहा “देश अप्रत्याशित बेरोज़गारी संकट से गुज़र रहा है और सरकार अपनी पूरी ऊर्ज़ा बेरोजगारी की सच्चाई बयान करने वाले आँकड़ों को दबाने और झुठलाने में लगा रही है। देश के युवा केवल विरोध नहीं कर रहे हैं, ठोस विकल्प भी पेश कर रहें हैं। युवाओं ने परीक्षाओं में धांधली रोकने व उन्हें पारदर्शी बनाने के लिए ‘मॉडल एग्जाम कोड’ तैयार किया है। पर सरकार जितनी ऊर्जा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने और सच्चाई को छुपाने में लगाती है, उसका अंशमात्र भी युवाओं को सुनने और रास्ता निकालने में लगाती तो स्थिति इतनी ख़राब नहीं होती।”
यूथ फ़ॉर स्वराज के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि युवाओं के साथ हो रहे घोर अन्याय के खिलाफ़ आयोजित यंग इंडिया अधिकार मार्च भविष्य के प्रति आशान्वित करने वाला है। यूथ फ़ॉर स्वराज देश भर के युवाओं को बेरोज़गारी के खिलाफ़ एकत्रित कर रहा है। सरकारी नौकरियों में लगातार हो रही कटौती और चयन परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लगातार संघर्षरत रहा है। हम देश में बेरोज़गारी के खिलाफ़ होने वाले हर सकारात्मक युवा आंदोलन के साथ खड़ें हैं।”
यूथ फ़ॉर स्वराज के महासचिव ऋशव रंजन ने कहा, “आज हमने ये इस मार्च से देश के तमाम सरकारों को यह संदेश दे दिया कि यंग इंडिया अभी भी जिंदा है। जेटली जी को अब जान जाना चाहिए कि युवाओं में कितना आक्रोश है। हम इस संघर्ष को ‘प्रधान मंत्री चीट फण्ड योजना’ के द्वारा आगे बढ़ाएंगे जिससे यह सिद्ध हो जाएगा कि ये सरकार आज तक कि सबसे युवा विरोधी छात्र विरोधी सरकार है”.
संगठन में महासचिव अमित कुमार ने कहा, ” ये सरकार अपनी पूरी ताकत आंकड़ों को दबाने में लगी हुई है। फिर भी सैद्धान्तिक लिकिंग के जरिए के पत्रकार इस सरकार की पोल खोल रहे हैं”.
यूथ फ़ॉर स्वराज अपनी एड़ी छोटी का जोर लगाकर यह साबित कर देगा इस अंसवेदनशील और असक्षम सरकार से राष्ट्र निर्माण नहीं होगा।