नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक जाकिर नाइक एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एनआईए ने मुंबई में आईआरएफ के 10 ठिकानों पर तलाशी भी ली। एनआईए की मुंबई शाखा द्वारा बीती रात भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य करना) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद स्थानीय पुलिस की मदद से आज सुबह तलाशी शुरू की गई। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आईआरएफ को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के कुछ ही दिनों बाद एनआईए की यह कार्रवाई सामने आई है। ढाका कैफे हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे नाइक के भाषणों से प्रभावित हुए थे, जिसके बाद आईआरएफ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के जांच के दायरे में आ गया था। इस साल की शुरूआत में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के इरादे से मुंबई उपनगर से अपना घर छोड़कर गए कुछ युवक भी कथित रूप से प्रचारक से प्रेरित थे। गिरफ्तारी से बचने के इरादे से देश से बाहर रह रहे नाइक के भाषणों पर मलेशिया और ब्रिटेन समेत कनाडा में भी प्रतिबंध लगाया गया है। गृह मंत्रालय को आतंकवाद का प्रचार करने वाले अंतरराष्ट्रीय इस्लामी चैनल पीस टीवी से एनजीओ के कथित संदिग्ध संपर्कों पता चला था। गृह मंत्रालय के मुताबिक आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए और वह आतंकवाद के प्रचार में भी शामिल रहा। महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं को कथित रूप से कट्टरपंथ की ओर धकेलने और उन्हें लालच देकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए नाइक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नाइक ने आपत्तिजनक कार्यक्रमों के निमाज़्ण के लिए आईआरएफ के विदेशी कोष से पीस टीवी को पैसा भेजा था। इन कार्यक्रमों को भारत में बनाया गया और इनमें नाइक के कथित भड़काऊ भाषण थे। पीस टीवी पर प्रसारित अपने इन भाषणों में नाइक ने कथित रूप से सभी मुस्लिमों से आतंकवादी बनने को कहा था। नाइक द्वारा संचालित एक शैक्षणिक न्यास के विदेशी धन लेने पर पहले ही रोक लगा दी गई है और एजेंसियां उसकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं।

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