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-जिला कलक्टर-एसपी काॅन्फ्रेंस

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद राजस्थान में कई तरह के नये उद्योग लगेंगे, क्योंकि यहां उनके लिए कच्चा माल आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था को ठीक से समझने और इसके बारे में जागरूकता की जरूरत है, ताकि इसका अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके।
राजे कलक्टर-एसपी काॅन्फ्रेंस के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में विभिन्न विभागों के प्रस्तुतीकरण के दौरान बोल रही थीं। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे अधिकाधिक व्यापारियों तथा कर व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को जीएसटी के बारे में कार्यशालाओं आदि के माध्यम से जागरूक करें। इस सत्र में जीएसटी, आपदा प्रबन्धन एवं राहत, जल संसाधन एवं जन अभाव अभियोग निराकरण पर प्रस्तुतीकरण दिए गए।
शासन सचिव वित्त प्रवीण गुप्ता ने जीएसटी पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि उपभोक्ता राज्य होने के कारण नयी कर व्यवस्था में राजस्थान लाभ की स्थिति में रहेगा। उन्होंने कहा कि कराधान प्रक्रिया सरल हो जाने से करों का बहुआयामी प्रभाव खत्म होगा, जिससे महंगाई घटेगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी से छोटे व्यापारियों को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि उसके लिए उन्हें समुचित छूट की व्यवस्था रखी गई है। इससे कालेधन पर भी रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबन्धन एवं राहत विभाग के प्रजेन्टेशन के दौरान कहा कि जिन गोशालाओं में सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाती है वहां सभी पशुओं की जियो-टैंगिंग की जाए। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कृषि आदानों पर अनुदान का वितरण नकद राशि के बजाय किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करने के नियम की सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए। राजे ने कुछ जिलों में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ राहत के कार्यों तथा उदयपुर और माउंट आबू के जंगलों में लगी आग को बुझाने के अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने भविष्य में ऐसे अभियानों के लिए सीख लेने की दृष्टि से इन अनुभवों का दस्तावेजीकरण करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर आने वाले मानसून के सीजन के लिए आपदा प्रबन्धन की पर्याप्त तैयारी कर लें और जरूरत के समय सम्बन्धित विभागों के साथ बेहतरीन तालमेल रखकर लोगों को राहत पहुंचायें।
मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों को नहरी क्षेत्रों में मरम्मत एवं रख-रखाव के कार्य अपनी निगरानी में मानसून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छोटे बांध एवं एनिकट जैसे सिंचाई विभाग के जो स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में शामिल कर की जा सकती है। राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की नई व्यवस्था के बाद जन शिकायतों और परिवादों के निस्तारण की गुणवŸाा में और अधिक सुधार आएगा। वहीं राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज होने वाले प्रकरणों का अंतिम निस्तारण सत्यापन के बाद ही हो सकेगा। उन्होंने पोर्टल पर दर्ज होने वाली समस्याओं का विश्लेषण कर उन्हें कम समय में प्रभावी रूप से दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर पोर्टल पर दर्ज राजस्व परिवादों की छंटनी कर ‘न्याय आपके द्वार‘ अभियान शिविरों में निस्तारित करें। काॅन्फ्रेंस में प्रस्तुतीकरण के बाद जिला कलक्टरों से फीडबैक लिया गया। इस दौरान मंत्री परिषद के सदस्यगण, मुख्य सचिव ओपी मीना सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठतम अधिकारी एवं सम्भागीय आयुक्त भी उपस्थित थे।

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