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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा फेसबुक को अपना विरोधी करार दिए जाने के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की प्रतिक्रिया आई है। जकरबर्ग ने ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि रूसी एजेंट ने फेसबुक पर विज्ञापन खरीदा और 2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव पैदा करने के लिए फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में फेसबुक पर एंटी ट्रंप होने के आरोप लगाए थे। इसके बाद अपनी फेसबुक पोस्ट में जकरबर्ग ने लिखा है कि अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में इंटरनेट जनता से संपर्क साधने का प्रमुख साधन था। इसके अलावा यह उम्मीदवारों की योग्यता के बारे में भी जानने का सबसे अच्छा साधन था।

बता दें कि कुछ ही दिन फेसबुक अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच कर रही कांग्रेस की टीम को सामग्री मुहैया कराने को सहमत हुई थी। इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, जिसमें उन्‍होंने कहा कि फेसबुक हमेशा से ट्रंपविरोधी रहा है। फेक न्यूज, न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट भी ट्रंपविरोधी थे। मिलीभगत रही है? मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक पर गलत जानकारी के कारण चुनाव परिणाम बदले जाने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी सोच पागलपन को दर्शाता है और फेसबुक ने लगभग 20 लाख लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया।

फेसबुक के संस्‍थापक ने कहा कि हमने गेट आउट द वोट की शुरुआत की जिसने लगभग 20 लाख लोगों को वोट देने में मदद की है। अगर इसे दूसरी तरह से देखें तो यह ट्रंप और क्लिंटन दोनों के कैंपेन को मिलाकर गेट आउट द वोट कैंपेन बड़ा था। यह एक बड़ी बात है।

 

 

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